भूतनी का बदला
सत्य पर अधारित यह कहानी मैंने अपने गाँव के ही एक बुजुर्ग जो कोलकाता में काम करते थे, उनसे सुनी थी। एक बार की बात है कि कुछ अंग्रेज शिकारी भारत के किसी जंगल में शिकार पर गए। उस जंगल के बाहर एक डाक-बंगला था पर उसमें पहले से ही कोई बड़ा अंग्रेज अधिकारी ठहरा हुआ था, अस्तु इन अंग्रेज शिकारियों को जंगल के बीच बने एक पुराने डाक बंगले में रूकना पड़ा। इस डाकबंगले का रखवाला अपने परिवार के साथ रहता था और डाकबंगले में रुकने वाले लोगों की सेवा करता था। इस रखवाले के परिवार में उसकी बीबी तथा लगभग 15 14 साल की उसकी एकमात्र लड़की थी। एक शाम जब अंग्रेज शिकारी शिकार करके वापस डाक बंगले पर आए तो नहा-धोकर पीने बैठ गए। पीने के बाद उन्हें इतनी चढ़ गई कि वे लोग पूरी तरह से बहक गए और उस रखवाले को गोली मारने के बाद उसकी बीबी तथा बच्ची को नोच डाले। इन पापियों को नशे में कुछ भी पता नहीं चला और नोचने के बाद उन दोनों को भी गोलियों से भून डाले और तीनों की लाश को डाक बंगले के पीछे दफना दिए। यह बात आई-गई रह गई। अंग्रेजों ने फिर कुछ दिन के बाद वहाँ कैलाश नामक एक नया सेवक रख दिया। किसी को कुछ भी पता नहीं